શનિવાર, 5 જાન્યુઆરી, 2013

गुजरात में एक और आविष्कार



वारदात दिल्ली में हुई और एक्सन गुजरात सरकारने ले लिया. दिल्ली में हुए गेंग रेप के हादसे के बाद हमारे सत्ताधिसो ने कुछ ठोस कदम उठाने का सोचा हो या नहीं मगर गुजरात सरकार आधुनिक तकनिकी जरिये सुरक्षा बहाल करनेमे जुट गयी है.  दिल्ली गेंग रेप केस बाद  महिलाओ के साथ हो रहे छेड़खानी को रोकने के लिए रात को पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने के साथ साथ राज्य के गृह मंत्रालयने तकनिकी सहाय से नई सिस्टम लागू करने के बारे में ठोस विचार किया है. पुलिस कंट्रोल के १०० नंबर उपरांत अब सिर्फ सिंगल डिजिट नंबर डायल करके कोई भी पीड़ित व्यक्ति अपने साथ हुई घटना के विषय में बता शकता है. मदद की गुहार लगाये इतने कम समय में ही पुलिस उस जगह पहुच शके ऐसी व्यवस्था लागू हो शके ऐसा सोफ्टवेयर तैयार हो रहा है. गुजरातमे महिलाओ के साथ छेड़खानी और अभद्र व्यवहार करनेवाले असामाजिक तत्वों को नशिहत देकर एक्सन लेने के लिए पुलिस की मदद करने में ये सॉफ्ट वेयर बहोत ही उपयोगी साबित होगा. राज्य पुलिसे की और से एक गाइड लाइन तैयार हो रही है. इसके साथ ही एक ही डायल से आम नागरिक को तुरंत ही पुलिस की मदद मिल शके, सहायता मिले और क्राइम से जुड़े सबूत मिल शके ऐसा नेटवर्क तैयार हो रहा है. नए सॉफ्टवेयर में नागरिक के द्वारा किये गए एक ही कोल के डायल से ये पता लगाया जा शकेगा की वह किस जगह से बात कर रहा है. उसका लोकेसन तुरंत ही जानने में आये ऐसा टु कोलर सिस्टम डेवलप हो रहा है. कोल रिसीव होते ही लोकेसन क्रिएट करने वाला सॉफ्टवेयर जिपिआरेस सिस्टम लौंच्ड पुलिस वाहन के साथ लिंक अप करके तुरंत ही भेज दिया जायेगा. साथ ही स्थानीय पुलिस कंट्रोल रम से भी मदद मिल जाएगी. गुजरात में पहेले से ही पुलिस के साथ साथ पब्लिक ट्रांसपोरसन वाहनों में जिपिआरेस सिस्टम लागू है. ऐसे वाहनों की संख्या बधाई जायेगी. पीड़ित और दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को जल्द से जल्द सार्वार मिल शके इसके लिए १०८ इमर्जन्सि सहयता सेवा जो देश में सबसे ज्यादा सफल मॉडल है. एफेसेल लेबोरेटरी को भी वारदात की जगह पर भेजकर सबूत इक्कठे किये जाते है. ऐसी सभी सिस्टम्स को इस नए सोफ्टवेयर के साथ लिंक अप करके कार्य को और भी गतिशील बनाया जाएगा.



और इसके साथ ही स्कूली छात्रो और छात्राओ की सुरक्षा के लिए भी स्कुलो में सीसी टीवी केमरा लगाया जायेगा. जो नई स्कुल बनवाने की मांग करते है उनके लिए ख़ास ये प्रावधान रहेगा. वैसे तो अमदावाद की बहोत सी स्कुलो में सीसी टीवी केमरा लगाये गए है मगर ऐसी बहोत सी स्कुल है जहा ये व्यवस्था होने के बावजूद बंद हालात में है ऐसी स्कुल को व्यवस्था शुरू करने के गुजरात शिक्षा आयोग द्वारा आदेश जारी कर दिए गए है.

और इसके साथ साथ गुजरात विधानसभा के चुनावों दौरान आचारसंहिता की वजह से बहोत से काम अटके हुए थे वो फिर से गतिशील हो जायेंगे. अमदावाद में अति आधुनिक बी आर टी एस बस सेवा के रूट बढ़ाने का काम - वैसे पिछले कुछ सालो से ये सुविधा अमदावाद में कार्यरत है मगर जो विस्तार इस सुविधा से वंचित है वह भी ये लागू करने का काम जोरो से चल रहा था. चुनाव के बाद भाजपा फिर सत्ता में आने की वजह से ये पेंडिंग काम शुरू हो गए है. उत्तरी गुजरात जहा भाजपा को कम सीट मिली    है वहा भी लोग पेंडिंग काम फिर से शुरू हो  और बनासकांठा जैसे पिछड़े इलाको में विकास का कार्य फिरसे अपनी रफ़्तार पकड़ ले।  वैसे गुजरात में अन्य राज्यों की तुलनामे क्राइम रेट बहोत कम है फिर भी सरकार की ऐसी सजगता और सक्रियता काबिले दाद है। विकास के साथ साथ मोदिने जो सुरक्षा का वादा किया था वो बखूबी निभा रहे है। मुल्ला मुलायम और मायावती की सरकारे कुछ सबक सिख सकेगी। जिस राज्यों में भाजपा की सरकारे है वहा  तो हम कमसे कम अपेक्षा रख ही शकते है।

गुजरात एक सरहदी राज्य है। यहाँ आतंकवादी गतिविधियों को कड़ाई  से रोकने के लिए कड़े क़ानून की आवश्यकता है। गुजरात सरकारने 'गुज्कोक' नमक क़ानून विधानसभा में पारित कर दिया मगर केंद्र की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीतिओ की वजह से लागू नहीं हो पा रही। मुख्यमंत्री ने इसके लिए बहोत  बार प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की है मगर मुख्यमंत्री श्री मोदी के ही शब्दों में कहे तो 'फ़ाइल दबाकर बैठे है'   अब तो मोदी ही दबाकर बैठने वालो को उखाड़कर फेक दे ऐसी हर राष्ट्रवादी की गुहार है।





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